हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखिल रिवायत "उसूले काफ़ी" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
امام صادق علیهالسلام:
مَنْ نَظَرَ إِلَی أَبَوَیْهِ نَظَرَ مَاقِتٍ وَهُما ظَالِمَانِ لَهُ، لَمْ یَقْبَلِ اللّهُ لَهُ صَلاةً
इमाम सादिक (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम):
जो कोई भी अपने उन माता-पिता को, जिन्होंने उस पर ज़ुल्म किया है, नफ़रत से देखता है, अल्लाह तआला उसकी नमाज़ को स्वीकार नही करता।
उसूले काफ़ी, भाग 4, पेज 50
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